नैनीताल

“जश्न-ए-बचपन’ — 4 पक्षियों के संसार को समझा बच्चों ने उनकी विशेषता से रूबरू होकर अभिभूत हुए बच्चे।

रामनगर

स्कूली बच्चों के व्हाट्सएप्प ग्रुप,”जश्न-ए-बचपन’ की रचनात्मक कार्यशाला को नियमित रूप से चलते हुए दो माह हो पूरे चुके हैं। प्रतिभाग करने वाले बच्चों की संख्या 180 से अधिक हो चुकी है।कल 9 जून मंगलवार को” परिंदों की सैर” में बच्चों ने शुतुरमुर्ग की आंख की लंबाई 2 इंच तक होती है,शुतुरमुर्ग कि आँख उसके दिमाग से भी बड़ी होती है जैसी अनेकानेक दिलचस्प जानकारी प्राप्त की।
उल्लेखनीय है कि ‘जश्ने-ए-बचपन’ ग्रुप में मंगलवार का दिन पक्षियों की सैर का होता है।इसका संचालन क्यारी,रामनगर से श्री भास्कर सती जी करते हैं।


उन्होने बच्चों को मानव जीवन में पक्षी की विशेषता पर निबंध लिखने और अपने पसंदीदा पक्षी का चित्र बनाने को कहा। 2 दर्जन से अधिक बच्चों ने निबंध लिखे और अपने पसंदीदा पक्षी बाज ,मोर, गौरैया, ओरिएंटल मैगपाई रॉबिन आदि पक्षियों के चित्र बनाएं। हर्षिता, नमीषा ,वंशिका ,सानवी ,पवित्रा कुनाल आदि बच्चों ने काफी अच्छे-अच्छे चित्र बनाऐ। भास्कर सती जी ने ग्रुप में दो वीडियो भी भेजें, जो पक्षियों के घोंसला बनाना वह उनके द्वारा किए गए परिश्रम पर आधारित थे। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने एक प्रश्न रखा कि अगर पक्षियों को ईको सिस्टम से हटा दिया जाए तो क्या होगा? इस पर सभी बच्चों ने अपनी बात रखी। इस पर देवलथल से शीतल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर पक्षियों को इकोसिस्टम से हटा देंगे तो पारिस्थितिकी तंत्र डिस्टर्ब हो जाएगा, जिससे जैव विविधता में संतुलन बनाना मुश्किल हो सकता है।


कल ग्रुप एडमिन नवेन्दु मठपाल ने बताया कि आज ग्रुप को 2 महीने पूरे हो गए। उन्होंने सभी शिक्षकों तथा बच्चों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि सभी की सक्रियता के चलते ग्रुप जिस प्रकार जीवंत बना हुआ है यह ग्रुप निर्माण की जरूरत को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि ग्रुप से बाहर भी वह कई विद्वतजनों से संवाद कर रहे हैं ताकि बच्चों को अधिकतम जानकारियां मिल पाए।उन्होंने बताया कि ग्रुप का उद्देश्य बच्चे के अंदर जबरदस्ती कुछ भी ठूँसना नहीं बल्कि उसकी रचनात्मकता को विकसित कर उसकी इच्छा अनुसार काम करने की है।
प्रत्येक दिन की भाँति कल भी श्री महेश चंद्र पुनेठा जी ने ग्रुप में रिया की लॉकडाउन डायरी शेयर की। रिया नानकमत्ता पब्लिक स्कूल की 10वीं की छात्रा हैं।
श्री वरुण सती जी ने भी अपनी बात रखते हुए बच्चों को पक्षियों के वी आकर में उड़ने के बारे में रोचक जानकारी दी कि पक्षी अपनी ऊर्जा संरक्षण तथा सुरक्षा के लिए वी(v) आकार में उड़ते हैं।
शाम के सत्र डॉ कमलेश अटवाल नानकमत्ता ने नस्लीय भेदभाव पर बातचीत रखी तथा ग्रुप में दो वीडियो साझा किए, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका में चल रहे वर्तमान आंदोलन तथा नस्लीय समस्या के इतिहास को साझा किया। उन्होंने इस पर बच्चों से अपनी प्रतिक्रिया देने को कहा। जिस पर कृति ,रिया, दीक्षा ,राधा दीपिका शीतल ने बेहतरीन तरीके से अपनी बात रखी तथा नस्लीय भेदभाव के इतिहास को साझा किया। दीपिका के द्वारा लिखे गए नस्लीय समस्या के लेख की सराहना करते हुए डॉ अटवाल ने कहा अद्भुत दीपिका यहांँ किसी भी बात को रखने का सार्थक महत्व तभी है जब हम उस पर बहस को आगे बढ़ाएंँ जो कि आपने अपने इस पूरे लेख के द्वारा किया है। डॉ कमलेश अटवाल ने बताया कि सबको बराबर अधिकार की बात करने वाले अमेरिका के 12 राष्ट्रपतियों के पास अपने व्यक्तिगत दास रहे है। संवाद का यह सिलसिला रात 10 बजे तक चलता रहा।
डॉ कमलेश अटवाल जी द्वारा दी गई जानकारी पर ग्रुप एडमिन नवेन्दु मठपाल का कहना है कि निश्चित रूप से कमलेश जी ने काफी सरल परंतु सारभर्गित तरीके से बात की। कई सारे नए तथ्यों से मैं भी पहली बार वाकिफ हुआ।
श्री भास्कर सती जी ने दिन का समापन एक प्यारी चिड़िया ओरिएंटल मैगपाई रोबिन की तस्वीर के साथ किया।
सीखने सिखाने की इस प्रक्रिया में आज का दिन साहित्य के नाम रहेगा। जिस का संचालन पिथोरागढ़ से श्री महेश चंद्र पुनेठा जी करेंगे। वह आज सभी बच्चों से आत्मकथा लिखने के विषय पर बात करेंगे।

दीक्षा करगेती ढेला की कलम से

Ad
To Top