हल्द्वानी
अमेरिका में न्यूयार्क सिटी के ब्रोंक्स चिड़ियाघर में 4 साल की नदिया नामक मादा टाइगर में कोरोना वायरस संक्रमित पाए जाने के बाद भारत में भी वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग अलर्ट मोड पर आ गया था जिसके बाद उत्तराखंड में भी वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर के
अधिकारियों ने प्रभावी कदम उठाने प्रारंभ कर दिए थे।तथा वन्यजीवों के नेचर परिवर्तन की चिंता को देखते हुए विभाग ने कई वन डिवीजनों में कैमरा ट्रेप लगाकर उनके नेचर विचरण पर अध्ययन करने का प्रयास किया है।जिसके बाद तराई पूर्वी वन प्रभाग के नौ रेंजो में करीब 150 कैमरे लगाकर वन्यजीवों के स्वच्छंद विचरण एवं उनके नैसर्गिक आचरण पर वन विभाग में अध्ययन करना भी प्रारंभ किया है।
तराई पूर्वी वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी ने बताया कि जब से देश में कोरोना संक्रमण कॉल आया है तब से वन विभाग ने पूरी डिवीजन में वन्यजीवों की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए विशेष अभियान चलाकर कैमरों के माध्यम से वन्यजीवों के आचरण पर विशेष ध्यान दिया है।श्री त्रिपाठी ने कहा कि विभिन्न रेंज में लगाए गए कैमरा ट्रेप मैं अनेक वन्यजीवों की फोटोओं से साफ झलकता है कि पूरे डिवीजन में टाइगर, हाथी, लेपर्ड, भालू, सेही, चीतल, सांभर, जंगली सूअर, जंगल कैट, बिज्जू, नीलगाय
पूरी तरह से स्वस्थ रूप से स्वच्छंद विचरण करते देखे गए हैं तथा किसी भी कैमरे में कोई भी वन्यजीव दुर्बल एवं किसी भी बीमारी से ग्रस्त जैसा नहीं दिखाई दिया है।
उन्होंने एक साथ दो लेपर्ड के मूवमेंट को दुर्लभ बताते हुए कहा कि इस तरह एक साथ लेपर्ड के रहना कम ही देखने को मिलता है जो यह फोटो कैमरे में आई है इसको लेकर के अध्ययन किया जा रहा है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर दिन-रात विशेष सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है तथा जंगलों में गश्त के दौरान वन्यजीवों की नेचर गतिविधियों पर भी बराबर नजर रखी जा रही है। श्री त्रिपाठी कहते हैं वन विभाग के कोरोना वारियर्स पिछले कई दिनों से लगातार लंबी दूरी की गश्त करने के साथ-साथ जंगल में वन्यजीवों के मुवमेंट और उनके आचरण को भी चेक कर रहे हैं तथा लॉक डाउन के समय शिकारियों को लेकर भी वह काफी सतर्क हैं।