हल्द्वानी:
2012 एवं 2015 के बाद 2020 में एक बार फिर प्रदेश में हाथियों की गणना की जानी है. जिसके लिए वन विभाग ने 15 ड्रोन के द्वारा गणना किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है इस गणना के लिए विभाग करीब 2500 कर्मचारियों को तैनात कर हर बीट में प्रतिदिन हाथियों की गणना करेंगे। 6 जून से 8 जून तक चलने वाली यह गणना जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के साथ-साथ राजाजी नेशनल पार्क में भी एक साथ की जाएगी साथ ही पश्चिमी वृत एवं शिवालिक एलीफेंट कोरिडोर के 12 वन प्रभागों में फैले हाथियों के वास स्थलों मैं भी हाथियों को वॉच करके गिना जाएगा जिसको लेकर वन विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं इस गणना में वन विभाग करीब 2500 कर्मचारियों की तैनाती करेगा. हाथियों की गणना में पहली बार वन विभाग ड्रोन कैमरे का भी प्रयोग करेगा.
मुख्य वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त डॉक्टर पराग मधुकर धकाते ने बताया कि वर्ष 2012 में 1559 हाथियों की गणना की गई थी जिसके बाद 2015 मैं 1797 हाथी उत्तराखंड के जंगल में पाए गए थे। इस बार 2020 में हाथियों की गणना फिर से की जा रही है. जिसमें ड्रोन कैमरे की मदद ली जाएगी। हाथियों की गणना के लिए वन विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है. वीट वाचर के माध्यम से इन हाथियों की गणना की जानी है. गणना टोटल काउंट पद्धति के अलावा डायरेक्ट साइटिंग के आधार पर भी की जाएगी.
पराग मधुकर धकाते ने बताया कि वर्ष 20 12 में हाथियों की संख्या 1559 थी तथा2015 मैं यह संख्या बढ़कर 1797 हो गई। 3 दिन तक चलने वाली हाथी की गणना में इसका सारा डाटा तैयार करने में करीब दो माह लगेंगे तथा हाथियों की गणना के बाद रिपोर्ट मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को भेजा जाएगा, जिसके बाद मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के माध्यम से हाथियों की गणना को प्रसारित किया जाएगा.