उत्तराखण्ड

चमोली अपडेट–:प्रशासन के साथ-साथ एसडीआरएफ ने भी राहत एवं बचाव कार्य में झोंक रखी है जान, पैंग से लेकर तपोवन तक SDRF मैन्युअली अर्ली वार्निंग सिस्टम से अलर्ट, सेटेलाइट फोन का हो रहा है इस्तेमाल,

चमोली

ऋषिगंगा latest updates
ऋषिगंगा के मुहाने पर बनी झील के पानी से फिलहाल कोई खतरा न हो, लेकिन लगातार राज्य आपदा प्रतिवादन बल उत्तराखंड(SDRF) सतर्क है, राहत एवं बचाव कार्यों में लगा हुआ है। पैंग से लेकर तपोवन तक SDRF द्वारा मैन्युअली अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित किया गया है।पैंग, रैणी व तपोवन में SDRF की एक एक टीम तैनात की गई है। दूरबीन , सैटेलाइट फोन व PA सिस्टम से लैस SDRF की टीमें किसी भी आपातकालीन स्थिति में आसपास के गांव के साथ जोशीमठ तक के क्षेत्र को सतर्क कर देंगी।

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SDRF की टीमों द्वारा इस क्षेत्र का निरीक्षण किया गया जहां झील बनी है।और इससे फिलहाल खतरा नही है।
श्रीमती रिदिम अग्रवाल,अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी,उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं DIG SDRF ने बताया कि SDRF की टीमें लगातार सैटेलाइट फोन के माध्यम से सम्पर्क में है।

SDRFअर्ली वार्निंग सिस्टम टीम

टीम 1 पेंग गांव

  1. कॉन्स्टेबल विपिन आर्या
  2. कॉन्स्टेबल हरीश चंद्र
  3. कॉन्स्टेबल प्रेम सिंह टीम 2 रैणी गांव
  4. कॉन्स्टेबल राकेश राणा
  5. कॉन्स्टेबल जगदीश प्रसाद
  6. कॉन्स्टेबल अनमोल सिंह टीम 3 तपोवन गांव
  7. कॉन्स्टेबल दीपक नेगी
  8. कॉन्स्टेबल राजेंद्र सिंह
  9. फायरमैन नितेश खेतवाल
    उपकरण – पी ए सिस्टम -01, वाईनाकुलर – 01, सेटेलाइट फ़ोन- 01
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पैंग गांव से तपोवन की कुल दूरी – 10.5 Km

यदि किसी भी प्रकार से जल स्तर बढ़ता है तो ये अर्ली वार्निंग SDRF की टीमें तुरंत सूचना प्रदान करेगी। ऐसी स्थिति मैं नदी के पास के इलाकों को 5 से 7 मिनट के अंदर तुरंत खाली कराया जा सकता है। SDRF के दलों ने रैणी से ऊपर के गांव के प्रधानों से भी समन्वय स्थापित किया है।
जल्द ही दो तीन दिनों में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगा दिया जाएगा जिससे पानी का स्तर डेंजर लेवल पर पहुंचने पर आम जनमानस को सायरन के बजने से खतरे की सूचना मिल जाएगी।इस बारे में SDRF की ये टीमें ग्रामीणों को जागरूक भी कर रही है।

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