उत्तराखण्ड

खबर स्टूडेंट के लिए–: कम्युनिटी साइंस व्यवसायिक शिक्षा के क्षेत्र में उभरता हुआ विषय, आप यहां इस तरह से ले सकते हैं दाखिला ।


पंतनगर। (सुनील श्रीवास्तव)
पंतनगर विश्वविद्यालय में स्थित गृह विज्ञान महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 15 जुलाई 1971 को स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम के रूप में हुयी थी। वर्ष 2017-18 में गृह विज्ञान महाविद्यालय द्वारा स्नातक पाठ्यक्रम को कम्युनिटी साइंस डिग्री; आनर्सद्वा के रूप में पुनर्गठित किया गया है, जिसका उद्देश्य शिक्षा, शोध एवं प्रसार को समेकित कर सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं एवं उद्योगों से संबंध कर विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है। पाठ्यक्रम के दौरान विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्रों, गैर सरकारी संस्थाओं, सरकारी विभागों एवं विभिन्न उद्योगों जैसे टैक्सटाइल उद्योग, गारमेन्ट एक्सपोर्ट कम्पनी, उपकरण उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, अखबार, विभिन्न टेलीविजन चैनल आदि से व्यावहारिक एवं सैद्धान्तिक ज्ञान प्राप्त करते है।
अधिष्ठात्री, गृह विज्ञान, डा. अल्का गोयल ने बताया कि कम्युनिटी साइंस शिक्षा का क्षेत्र काफी विस्तृत होने के कारण भविष्य में रोजगार की अपार संभावनायें हैं। उन्होंने बताया कि कम्युनिटी साइंस पाठ्यक्रम में विज्ञान एवं कला के विभिन्न विषयों, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, शरीर क्रिया विज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, बाल विकास, सामाजिक विज्ञान, ग्रामीण विकास, कला, पोषण, वस्त्र विज्ञान का एक बहुविषयक है। डा. गोयल ने यह भी बताया कि विज्ञान वर्ग से 12वीं पास विद्यार्थी स्नातक पाठ्यक्रम हेतु प्रवेश ले सकते है एवं स्नातक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात स्नातकोत्तर डिग्री एवं परास्नातक पाठ्यक्रम में भी प्रवेश पा सकते हैं। गृह विज्ञान महाविद्यालय में खाद्य एवं पोषण विभाग, वस्त्र एवं परिधान विभाग, मानव विकास एवं पारिवारिक अध्ययन विभाग, पारिवारिक संसाधन प्रबन्धन विभाग एवं गृह विज्ञान प्रसार विभाग है। प्रत्येक विभाग का अपना महत्व है जो विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास में योगदान देता है, जिससे वह अपने परिवार, समाज एवं समुदाय का सत्त विकास कर सकें। विद्यार्थी स्नातक के बाद कम्युनिटी साइंस के किसी भी विभाग के अतिरिक्त एग्रीकल्चर कम्यूनिकेषन, फूड टैक्नलौजी, एग्री बिजनेस मैेनेजमेन्ट आदि में स्नातकोत्तर डिग्री ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त विद्यार्थी अपना स्वयं का उद्योग एवं व्यवसाय भी शुरू कर सकते है। डा. गोयल ने बताया कि कम्युनिटी साइंस विद्यार्थियों को व्यवसायिक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में भी मद्दगार साबित हो रहा है।

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