उत्तराखण्ड

खबर खास-: 95 फीट गहरे बोरवेल में गिरा बच्चा, देसी जुगाड़ से हुआ रेस्क्यू बच्चा सकुशल निकाला।

जालोर

आपने यह तो सुना होगा कि जुगाड़ बड़े काम की चीज होती है लेकिन इसका ताजा उदाहरण आप राजस्थान के जालोर जिले का देख सकते हैं । यहां सांचौर क्षेत्र में एक मासूम बच्चे की जान जुगाड़ से बच गई ली गई , जो 16 घंटे से 95 फीट गहरे बोरवेल में फंसा हुआ था । 4 साल के बच्चे का नाम अनिल है , जिसकी तबीयत अब पूरी तरह से ठीक है ।

दरअसल अनिल गुरुवार की सुबह खेलते खेलते करीब 10 बजे 95 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था । इस बात की सूचना पाकर एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई और बच्चे को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गई। कई घंटों की लगातार मेहनत के बाद भी एनडीआरएफ की टीम बच्चों को बोरवेल से निकालने में सफल नहीं हो पाई लेकिन एक देशी जुगाड़ की मदद से बच्चे को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया ।

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एनडीआरएफ की टीम में कई घंटे से बच्चे को निकालने अभियान में लगी हुई थी लेकिन जब बात नहीं बनी तो परिजनों के साथ साथ प्रशासन के लोगों को भी काफी परेशानी होने लगी। आखिर 16 घंटे बाद रात 2:24 पर बोरवेल में फंसे बच्चे को बाहर निकाल लिया गया । जब आधुनिक तकनीकी से काम नहीं बना तो भीनमाल के मीणा निवासी माधाराम सुथार का देशी जुगाड़ काम कर गया ।

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माधाराम ने प्रशासन से बच्चे को निकालने के लिए एक मौका देने का आग्रह किया । माधाराम ने बच्चे को बाहर निकालने के लिए जलापूर्ति में काम आने वाली पीवीसी के 90- 90 फिट की तीन पाइप मंगाए । उसने तीनों पाइप के आगे एक को जोड़ा । इनके बीच एक रस्सी बांधी गई । साथ ही कैमरे को भी से जोड़ा गया । 80 फीट तक जुगाड़ को पहुंचाने के बाद टी को बालक के सिर से होते हुए पेट तक पहुंचाया गया, सीने तक पहुंचते ही रस्सी को खींचा गया । इससे तीनों पाइप के बीच में बच्चा फंस गया । इसके बाद ऋषि को खींचने का काम शुरू हुआ इसी के साथ तीनों पाइप बाहर आते रहे थोड़ी देर में बच्चा माधाराम के हाथ में आ गया । इस रेस्क्यू ऑपरेशन में महज 25 मिनट का समय लगा ।

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