सांसद अजय भट्ट ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख तत्काल अल्मोड़ा जिले के सल्ट तहसील में स्थित इंडियन मेडिसन फार्मास्युटिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड मोहन को विनिवेश से बचाने की गुहार लगाई है। सांसद अजय भट्ट ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से तत्काल में हस्तक्षेप करते हुए हजारों लोगों की रोजी रोटी चलाने वाले कंपनी को बेचने से रोक लगाने की मांग की है।
सांसद अजय भट्ट ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र लिखकर कहा है कि अल्मोड़ा जिले के शर्ट तहसील में इंडियन मेडिसन फार्मास्युटिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड मोहन की विनिवेश प्रक्रिया चल रही है। जिसमें वर्तमान में 92 कर्मचारी अधिकारी समेत 5000 से अधिक लोग किसान और मजदूर अपनी जड़ी बूटी उपाय एवं संग्रहण आदि गोमूत्र कंडा मिट्टी के बर्तन की बिक्री के माध्यम से अपनी आजीविका चलाने के लिए निगम पर निर्भर हैं। यही नहीं इस कंपनी द्वारा 2000 2021 में लगभग 165 करोड का टर्नओवर किया गया है जिसमें 15 करोड का शुद्ध लाभ अर्जित होने की संभावना है इस कंपनी द्वारा दिल्ली में भी एक्सपोर्ट करने के लिए अपना कॉरपोरेट ऑफिस खुला है और स्थापित होने के बाद से ही यह कंपनी निरंतर लाभ अर्जित करते हुए प्रगति कर रही है।
सांसद अजय भट्ट ने बताया है कि किस कंपनी में 98.11% शेयर केंद्र सरकार और 1.89% उत्तराखंड राज्य सरकार के शेयर हैं। इससे पूर्व भी लाभ में चल रही इस कंपनी को बेचने की कार्रवाई की गई थी जिसे फिर रोक दिया गया था एक बार फिर इस कंपनी के विनिवेश के माध्यम से बेचने की कार्यवाही की गई है और जानकारी में यह आया है कि नियमों में शिथिलता प्रदान करते हुए ऐसे प्रावधान किए गए हैं कि कोई भी व्यापारी इस कंपनी को खरीद सकता है या भविष्य में इस कंपनी को रिजल्ट में भी तब्दील कर सकता है लिहाजा यहां काम करने वाले और यहां से जुड़े हजारों लोगों का भविष्य बेरोजगारी की कगार पर खड़ा हो जाएगा।
सांसद अजय भट्ट ने पत्र के माध्यम से यह भी बताया है कि उनके संज्ञान में यह बात आई है कि आयुष मंत्रालय से एक पत्र उत्तराखंड सरकार को उन के शेयर बेचे जाने की संस्तुति बाबत भेजा जा रहा है जिसका प्रतिउत्तर सरकार को देना है लिहाजा सांसद अजय भट्ट ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से अनुरोध किया है की हजारों लोगों को रोजगार दे रही इस कंपनी के विनिवेश से बचाने का प्रयास करने की कृपा करें जिससे कि उत्तराखंड के इतने बड़े प्रतिष्ठान को किसी को बेचा न जा सके।गौरतलब है कि इस मामले को पिछले साल सांसद अजय भट्ट ने लोकसभा सदन में भी उठाया था जिसके बाद यह कार्रवाई रुकी हुई थी लेकिन अब फिर इसके विनिवेश की तैयारी चल रही है
