उत्तराखण्ड

खबर खास-:अब पंतनगर पशु चिकित्सालय के अलावा अब सीमांत जनपद में भी होगा पशुओं का इलाज, खुलेगा पशु पॉलीक्लीनिक ।।

पिथौरागढ़ ।

अब पंतनगर के अलावा सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में भी पशुपालकों को अपने बीमार पशुओं को इलाज करने की सुविधा हाई तकनीकी से मिलेगी ।
सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में प्रदेश का पहला पशु पॉलीक्लीनिक खुलेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दे दी है। पिथौरागढ़ पशुपालन के क्षेत्र में नई पहचान बना रहा है। तीन लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन करने वाले जिले में बकरी पालन, मुर्गी पालन व्यवसाय भी तेजी से बढ़ रहा है। पशुपालन बढ़ रहा है, लेकिन चिकित्सा सुविधा कमी इसमें कुछ दिक्कत खड़ी कर रही है। पशुओं के गंभीर रूप से बीमार पड़ जाने पर पशुपालकों के लिए कोई इंतजाम नहीं हैं। पशुओं को बचाने के लिए उन्हें जिले से बाहर ले जाना मजबूरी है। इस समस्या को देखते हुए पशुपालन विभाग ने जिला मुख्यालय में पशु पॉलीक्लीनिक बनाने का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा था। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जनपद भ्रमण के दौरान इसकी घोषणा भी कर दी थी, लेकिन इसे अभी तक स्वीकृति नहीं मिल पाई थी।

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मुख्यमंत्री ने अपनी घोषणाओं की समीक्षा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए की। उन्होंने पॉलीक्लीनिक के बारे में जानकारी ली और इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। एक सप्ताह के भीतर उन्होंने इसके लिए शासनादेश जारी करने का भी ऐलान किया। मुख्यमंत्री से हरी झंडी मिल जाने से पशुपालन विभाग उत्साहित है। विभाग को उम्मीद है कि 2.87 करोड़ के इस प्रस्ताव का शासनादेश जारी होने के एक वर्ष के भीतर पालीक्लीनिक तैयार कर लिया जाएगा।

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ये सुविधाएं मिलेंगी पशुओं का एक्सरे
अल्ट्रासाउंड,भर्ती की सुविधा,सर्जरी, अतिरिक्त चिकित्सक,आधुनिक जांच प्रयोगशाला,टैक्निशियन सहित अन्य नवीन तकनीकी से इलाज किया जाएगा ।

उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा.पंकज जोशी ने कहते क‍ि पिथौरागढ़ में पालीक्लीनिक की स्थापना हो जाने से पशुपालन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। बीमार पशुओं को वैज्ञानिक तौर तरीके से उपचार मिलने लगेगा

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