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आईसीसी महिला T20 वर्ल्ड कप टीम जरूर हारी,मगर दिल महिलाओं ने जीता

मेलबर्न.

आईसीसी महिला टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल (ICC Women’s T20 World Cup Final) में टीम इंडिया को मेजबान ऑस्ट्रेलिया से हार झेलनी पड़ी. खिताबी मुकाबले में टीम इंडिया महज 99 रन पर ऑल आउट हो गई और उसे ऑस्ट्रेलिया से 85 रनों की बड़ी हार झेलनी पड़ी. भारत के पास पहली बार टी20 वर्ल्ड चैंपियन बनने का मौका था लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. फाइनल में भारत के हक में कुछ नहीं गया. खेल के तीनों विभागों बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग में उसका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. हालांकि इसके बावजूद इस टूर्नामेंट में देश की बेटियों ने करोड़ों क्रिकेट फैंस का दिल जीता. आइए डालते हैं उन तीन वजहों पर एक नजर जो महिला क्रिकेट टीम का सिर गर्व से ऊंचा करती हैं.

सीनियर खिलाड़ियों के भरोसे नहीं टीम इंडिया
इस टूर्नामेंट में भारत की तीन सबसे बड़ी खिलाड़ी स्मृति मंधाना, जेमिमा रोड्रिग्ज और कप्तान हरमनप्रीत कौर का बल्ला बिलकुल नहीं चला. कप्तान हरमनप्रीत (Harmanpreet Kaur) ने 5 मैचों में 30 रन बनाए. स्मृति मंधाना ने 4 मैचों में 49 रन बनाए. जेमिमा ने भी 5 मैचों में 85 रन बनाए. बावजूद इसके टीम इंडिया ने फाइनल में जगह बनाई. दीप्ति शर्मा, शेफाली वर्मा जैसी युवा खिलाड़ियों ने अकेले अपने दम पर टीम को फाइनल का टिकट दिलाया. शेफाली वर्मा ने 5 मैचों में 163 रन बनाए, उनका बल्लेबाजी औसत 38.66 रहा. वहीं भारत की तीन सबसे मशहूर बल्लेबाज जेमिमा, स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत ने मिलकर 14 पारियों में 164 रन बनाए.

गेंदबाजों ने दिखाया बेहतरीन खेल भारतीय क्रिकेट में बल्लेबाजों का वर्चस्व माना जाता है. मेंस के साथ-साथ महिला क्रिकेट में भी कुछ ऐसा ही रहा है. पूरी दुनिया में लोग हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना का नाम ही जानते हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया में खेले गए महिला टी20 वर्ल्ड कप ने हिंदुस्तान नहीं बल्कि करोड़ों क्रिकेट फैंस की सोच बदली है. इस टूर्नामेंट में लेग स्पिनर पूनम यादव और शिखा पांडे, राधा यादव जैसी गेंदबाजों ने अपनी छाप छोड़ी है. पूनम यादव ने 5 मैचों में 10 विकेट लेकर भारत को फाइनल में जगह दिलाने में अहम भूमिका निभाई.

जीत की भूख
इस टूर्नामेंट में भारत ने जिस अंदाज में फाइनल में जगह बनाई वो पहले भारतीय महिला क्रिकेट में शायद ही देखी गई हो. भारत ने एक बाद एक लगातार चार जीत हासिल कर अपने ग्रुप में टॉप किया. पहले उसने ऑस्ट्रेलिया को ही 17 रनों से हराया. इसके बाद बांग्लादेश को 18 रनों से मात दी. न्यूजीलैंड को भी इंडिया ने 3 रनों से हराया और श्रीलंका को उसने 7 विकेट से मात दी. इस बार भारत में जीत की भूख दिखी, हालांकि फाइनल में खराब दिन की वजह से वो चैंपियन नहीं बन पाई.

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