देहरादून
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के किचन गार्डन में अब एक ही पेड़ पर आम की 42 प्रजातियां देखने को मिलेगी और यह कमाल किया है जौनसार बाबर के निर्मल तोमर ने अपने अहम अनुसंधान के कारण यह करके दिखाया।जिससे
हरबर्टपुर से 3 किलोमीटर की दूरी पर धर्मावाला में निर्मल नर्सरी पर लोग आकर विभिन्न प्रजातियों के पेड़ लेकर अपने वाटिका की शोभा बढ़ा रहे हैं अब यह नर्सरी आकर्षण का केंद्र बिंदु बन चुकी है।
प्रदेश का शायद ही ऐसा कोई वनस्पति वैज्ञानिक, शोधकर्ता, कृषक एवं बागवान प्रेमी होगा जो इस नर्सरी में ना आया हो।वही शनिवार को मुख्यमंत्री आवास परिसर में उद्यान विभाग द्वारा एक पेड पर आम की 42 प्रजातियों की ग्राफ्टिंग की गयी। अरूनिमा, अरूनिका, अम्लिका, सूर्या, लालिमा, मल्लिका, निलय, आम्रपाली इत्यादि को मिलाकर कुल 42 प्रजातियों की ग्राफ्टिंग एक पेड पर की गयी।
मुख्य उद्यान अधिकारी देहरादून डाॅ0 मिनाक्षी जोशी द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को इन प्रजातियों के बारे में विस्तृत से जानकारी दी गयी। आवास परिसर में मौनपालन से भी इस वर्ष 22 कि0ग्रा0 शहद का उत्पादन हुआ तथा मुख्यमंत्री जी द्वारा आज पुनः मौनपालन को बढ़ावा देने हेतु योजना बनाने हेतु निर्देश दिए गए।
यह न केवल पौधों की विभिन्न प्रजातियों की नर्सरी तैयार करने का केंद्र है बल्कि वनस्पति विज्ञान पर शोध एवं अध्ययन का केंद्र भी है, जहां आम के 1 पेड़ पर 156 प्रकार के आम तैयार होते हैं।
जब कोई शोधार्थी छात्र जानकारी प्राप्त करना चाहता है तो निर्मल एक सधे हुए बोटनिस्ट की भांति उसकी बारीकियों को समझाते हैं। शोधार्थी के पास प्रश्न कम पड़ जाते हैं जब निर्मल पौधों और बागवानी पर तार्किक जानकारी देना शुरू करते है।
निर्मल की इस सुंदर बगिया में फलों और फूलों की खुशबू के बीच निर्मल की मंद मंद मुस्कान उसकी कड़ी मेहनत, संघर्ष एवं सफलता की कहानी बयां करती है। निश्चित रूप से इस अद्भुत बगिया को स्थापित करने में उनके पिता करम सिंह जी की कर्म शीलता झलकती है, वही इस बगिया को ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए निर्मल की निर्मलता भी कम नहीं है।
मुख्य उद्यान अधिकारी देहरादून डाॅ0 मिनाक्षी जोशी द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को इन प्रजातियों के बारे में विस्तृत से जानकारी दी गयी। आवास परिसर में मौनपालन से भी इस वर्ष 22 कि0ग्रा0 शहद का उत्पादन हुआ तथा मुख्यमंत्री जी द्वारा आज पुनः मौनपालन को बढ़ावा देने हेतु योजना बनाने हेतु निर्देश दिए गए।
निर्मल की इस सुंदर बगिया में फलों और फूलों की खुशबू के बीच निर्मल की मंद मंद मुस्कान उसकी कड़ी मेहनत, संघर्ष एवं सफलता की कहानी बयां करती है। निश्चित रूप से इस अद्भुत बगिया को स्थापित करने में उनके पिता करम सिंह जी की कर्म शीलता झलकती है, वही इस बगिया को ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए निर्मल की निर्मलता भी कम नहीं है।