किच्छा, 26 जुलाई।
सुरजीत कामरा
अखिल भारत हिंदू महासभा की नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष माला सिंह ने कहा कि आगामी 5 अगस्त को अयोध्या में प्रधानमंत्री द्वारा राम मंदिर का शिलान्यास आपत्तिजनक है। उनका कहना है कि एक सेकुलर देश के प्रधानमंत्री और एक पालिटिकल हेड को मन्दिर का शिलान्यास नही करना चाहिए। उन्होने कहा कि हमारे देश में हिन्दू धर्म के चार
धर्मगुरु है, चार शँकराचायर्य बैठे हैं उन्ही को उक्त कार्य का
जिम्मा सौंपना चाहिए।
बता दें कि महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्य श्री चौधरी ने सिरसा निवासी वरिष्ठ समाजसेवी शिवेन्द्र बहादुर सिंह की धर्मपत्नी माला सिंह को अखिल भारत हिंदू महासभा का उत्तराखण्ड राज्य की प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है उनके मनोयन पर क्षेत्र के तमाम गणमान्य नागरिको
ने उन्हे बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की। महासभा की नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती माला सिंह ने प्रेस को जारी एक बयान में महासभा के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा कि भारत में महासभा रजतयुग नही बल्कि स्वर्णिम युग की कामना करता है। उन्होने
अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के शिलान्यास के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि मन्दिर कोई सरकारी योजना नही है, मन्दिर वैदिक नियम के अनुसार होना चाहिए वास्तु को ध्यान रख कर होना चाहिए शिलान्यास चारो
शँकराचायर्य द्बारा होना चाहिए नहीं तो ये हॉस्यपद होगा प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री उस शुभ मुहूर्त मे उपस्थिति रह सकते है शिलान्यास धर्म गुरुओ को ही करना चाहिए। हिन्दू धर्म में शुभ कार्य शुक्ल पक्ष में होता है राममन्दिर जैसे अहम कार्य कृष्ण पक्ष मे हो रहा है क्या हिन्दु धर्म में भी इस कार्य को प्रधानमंत्री जी के आफिस का डिसीजन माना जाऐगा इसको श्रीराम जी से ताल्लुक रखने वाले समय में होना चाहिए अखिल भारत हिन्दू महासभा विजय दशमी तिथि के दिन शिलान्यास करने का
अनुरोध करता है। शिलान्यास की शिला चाँदी की कही गई है जबकि अखिल भारत हिन्दु महा सभा रजतयुग ना चाहकर स्वर्णिम युग की कामना करता है
शिलान्यास मे जो भी शिला लगे वह सोने की होनी चाहिए और
चारों शँकराचायर्य द्बारा शिलान्यास करके राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ भारत के ’सवणयुग’ का बिगुल बजाना चाहिए।