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अंतर्राष्ट्रीय विश्व विद्यालय बनने की ओर अग्रसर पंतनगर विश्व विद्यालय, कुलपति


पंतनगर।

पंतनगर विष्वविद्यालय में चल रही विष्व बैंक से प्रायोजित राष्ट्रीय कृषि उच्च षिक्षा परियोजना (एनएएचईपी) के अंतर्गत संस्थान विकास योजना में कुलपति, डा. तेज प्रताप, के नेतृत्व में एक चार सदस्यीय दल अमेरिका के इलिनाॅय स्टेट में स्थित इलिनाॅय कृषि विष्वविद्यालय के भ्रमण पर गया था, जिसमें कुलपति के अतिरिक्त विभागाध्यक्ष, कृषि संचार विभाग, तथा इस परियोजना के मुख्य अन्वेषक, डा. एस.के. कष्यप; सह मुख्य अन्वेषक, डा. ए.एस. नैन; एवं परियोजना के अकादमिक घटक के संचालक, डा. एस.के. गुरू, सम्मिलित थे। वहां से लौट कर कुलपति, डा. तेज प्रताप, ने आज एक प्रेस वार्ता आयोजित की। इस प्रेस वार्ता में निदेषक संचार, डा. एस.के. बंसल, डा. एस.के. कष्यप एवं डा. ए.एस. नैन भी उपस्थित थे।


डा. तेज प्रताप ने बताया कि पंतनगर विष्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय विष्वविद्यालय का दर्जा हासिल कराने के लिए यह आवष्यक है कि यहां के विद्यार्थियों तथा षिक्षकों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर षिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में हो रहे बदलावों की जानकारी हो। उन्होंने कहा कि विष्वविद्यालय को विष्व बैंक की इस परियोजना से यह अवसर प्राप्त हुआ है कि यहां के विद्यार्थियों एवं षिक्षकों को विष्व के श्रेष्ठतम कृषि विष्वविद्यालयों के षिक्षण व शोध से रू-ब-रू किया जा सके तथा वहां प्राप्त ज्ञान से उनके द्वारा इस विष्वविद्यालय के षिक्षण एवं शोध के स्तर को भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जा सके। डा. प्रताप ने कहा कि इसी उद्देष्य को हासिल करने के लिए उनके नेतृत्व में एक दल अमेरिका के इलिनाॅय कृषि विष्वविद्यालय में भ्रमण हेतु गया क्योंकि इसी विष्वविद्यालय के सहयोग से वर्ष 1960 में देष के पहले कृषि विष्वविद्यालय की स्थापना पंतनगर में हुई थी। उन्होंने बताया कि वहां पर हुई कई बैठकों के बाद विद्यार्थियों एवं षिक्षकों को इलिनाॅय भेजे जाने का कार्यक्रम बना लिया गया है। साथ ही इस कार्यक्रम की निरन्तरता इस परियोजना की समाप्ति के बाद भी बनाये रखने की रणनीति भी बनायी गयी है, जिसके द्वारा पंतनगर के विद्यार्थी इलिनाॅय विष्वविद्यालय में पीएच.डी. एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेष प्राप्त कर सकेंगे तथा उनकी शोध परियोजनाओं में भी नियुक्ति पा सकेंगे। इलिनाॅय विष्वविद्यालय के समीप स्थित षिकागो शहर में पंतनगर के पूर्व विद्यार्थियों के साथ बैठक करने तथा उनका एक ‘नेटवर्क नोड’ बनाये जाने की जानकारी भी कुलपति ने दी, जो पंतनगर के विद्यार्थियों व षिक्षकों को अमेरिका में उनके प्रवास के दौरान सहायता करेगा। कुलपति ने बताया कि इससे पूर्व आॅस्ट्रेलिया के वेस्टर्न सिडनी विष्वविद्यालय के साथ भी इसी प्रकार के सहयोग के लिए वार्ता की जा चुकी है।   

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डा. एस.के. कष्यप ने बताया कि इस सेमेस्टर की समाप्ति पर 30 विद्यार्थियों को तीन माह के शैक्षणिक भ्रमण पर इलिनाॅय भेजा जाएगा। इसी प्रकार 50 से 60 वैज्ञानिकों को उनकी आवष्यकता के अनुसार अलग-अलग समय पर इलिनाॅय भेजा जाएगा। यह चक्र परियोजना की पूरी अवधि में चलता रहेगा। उन्होंने परियोजना के अंतर्गत चल रहे विभिन्न घटकों की भी जानकारी दी, जिनमें इन्नोवेषन इक्यूबेटर सेंटर, विदेषी भाषा केन्द्र, कौषल विकास घटक इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया। डा. ए.एस. नैन ने विष्वविद्यालय में इस परियोजना के अंतर्गत 30 वर्चुवल डिजिटल षिक्षण कक्षों की स्थापना की जानकारी दी, जिनके माध्यम से विदेषांे के विषेषज्ञों के व्याख्यान विद्यार्थियों को पंतनगर में रहकर ही प्राप्त हो सकेंगे। साथ ही पंतनगर के वैज्ञानिकों के व्याख्यान विदेषी विष्वविद्यालयों के विद्यार्थी सुन सकेंगे तथा उनसे वार्तालाप भी कर सकेंगे। 

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