उत्तराखण्ड

(श्रद्धांजलि)यूं चुपके से चले जाना महेश की आदत में शुमार नहीं था, दुख़द पुण्य आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि ।।

लालकुआं(नैनीताल)।
लोगों के सुख दुख में हमेशा खड़े रहने वाले महेश भट्ट की कोरोना से मौत ने परिवार को झकझोर कर रख दिया है पहले माता फिर पिता और उसके बाद महेश भट्ट का औचक चले जाना विधि का विधान ही कहा जाएगा।
लालकुआं शहर की बात की जाए तो यहां अनेक परिवारों ने अपनों को खोया लेकिन इस सब के बीच बेहद दुखदाई घटना घटित हुई जिसका किसी को भांन नहीं था । कोरोना से माता-पिता के बाद अब महेश की मौत से लोग निशब्द रह गए हैं परिवार पहले से ही टूट चुका था ऊपर से युवा की मौत ने परिजनों में कोहराम मचा दिया वहीं पूरे क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त हो गई।

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अप्रैल में दुखदाई घटना हुई महेश भट्ट की माताजी का कोरोना से निधन होने के बाद वार्ड नंबर चार निवासी वरिष्ठ समाजसेवी एवं व्यवसायी मथुरा दत्त भट्ट भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए जिनकी देखरेख का जिम्मा उनके पुत्र महेश भट्ट अपने पुत्र धर्म को निभाते हुए खुद संक्रमित हुए और अपने पिता की सेवा करते रहे लेकिन कोरोना के आगे वह भी बेबस हो गए और उनके पिता की दुखद मौत हो गई । माता-पिता का गम और कोरोना संक्रमण की चपेट में दिन पर दिन इस महामारी से लड़ने में लगे रहे लेकिन गुरुवार की सुबह काल के क्रूर हाथों से महेश भट्ट कोरोना से जिंदगी हार गए एक युवा और हंसता मुस्कुराता चेहरा हमेशा के लिए मुरझा गया । एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत के बाद जहां उनके परिजनों में कोहराम मचा हुआ है वहीं क्षेत्र में शोक की लहर है लोग निशब्द है और अभी भी इस बात पर विश्वास नहीं कर रहे हैं।

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