उत्तराखण्ड

बड़ी खबर-: एक जून को हो सकती है सीबीएसई की 12वीं परीक्षाओं की घोषणा,आज हाई लेवल मीटिंग में हुए कई फैसले।।

नई दिल्ली,

12वीं की बोर्ड और प्रवेश परीक्षाओं को लेकर केंद्र सरकार ने एक हाई लेवल मीटिंग की।बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की । बैठक में शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, केंद्रीय महिला एवं बाल मंत्री स्मृति ईरानी और केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर मौजूद रहे।

केंद्र सरकार सीबीएसई कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा करने की इच्छुक है और इसका प्रारूप तय किया जा रहा है। सम्भव है कि केवल मेन सब्जेक्ट्स के लिए 12वीं के बोर्ड एग्जाम हो सकते हैं। हालांकि अभी तक कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा की तारीखों और परीक्षा के तरीकों का ऐलान नहीं किया गया है।

सीबीएसई कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा की तारीख की घोषणा शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा 1 जून को की जाएगी। केंद्र सरकार जहां 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की इच्छुक है, वहीं उसने राज्य सरकारों को अपने स्कूल बोर्ड पर फैसला करने के लिए छोड़ दिया है।

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बता दें कि शिक्षा मंत्रालय ने 14 अप्रैल को, कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा को रद्द करने और कक्षा 12 की परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की थी। एक मई को बोर्ड ने अपने संबद्ध स्कूलों में कक्षा 10 के छात्रों के लिए एक विशेष मार्किंग स्कीम की घोषणा की थी। 

वहीं केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा केवल प्रमुख विषयों के लिए आयोजित करने का विकल्प रखा था। 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए 174 सब्जेक्ट का ऑप्शन होता है, जिनमें से लगभग 20 विषयों को CBSE द्वारा प्रमुख माना जाता है। 

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इनमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान, इतिहास, राजनीति विज्ञान, व्यवसाय अध्ययन, लेखा, भूगोल, अर्थशास्त्र और अंग्रेजी शामिल हैं। सीबीएसई का कोई  छात्र न्यूनतम पांच और अधिकतम छह विषय ले सकता है। इनमें से आमतौर पर चार प्रमुख विषय होते हैं।

केंद्र ने राज्यों को स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर अपना फैसला खुद लेने को कहा है। हालांकि केंद्र ने बैठक के दौरान दो विकल्प दिए हैं, पहले विकल्प में कहा है कि कुछ कक्षा 12 की प्रमुख विषयों की परीक्षा आयोजित की जाए और बाकी विषयों के नंबर प्रमुख विषयों के नंबर के आधार पर दिए जाएं। 

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दूसरा यह कि स्कूलों में परीक्षा आयोजित करना और परीक्षा पैटर्न को ऐसे में बदलना जिसमें केवल ऑब्जेक्टिव प्रश्न हों और तीन के बजाय सिर्फ डेढ़ घंटे का पेपर हो।

बैठक के दौरान कुछ राज्यों ने जीरो एग्जाम की मांग भी की। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कई राज्यों ने दोनों विकल्पों को खारिज कर दिया और इसके बजाय “जीरो एग्जाम” की मांग की है। 

सिसोदिया ने कहा, “दिल्ली सरकार का मानना है कि हमें बच्चों की सेहत और सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए” उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस रुख से सहमत हैं। अन्य कई राज्यों ने भी असहमति जताई है

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