उत्तरकाशी

दु:खद-:बिंदुखत्ता की बसा सत का एक स्तंभ चिर निद्रा में लीन, ज्ञान सिंह गुसाईं के निधन से बिंदुखत्ता में शोक, अपनी आंखों के आगे बिंदुखत्ता राजस्व गांव को बनता हुआ नहीं देख पाए ज्ञान सिंह गुसाईं ।।

बिंदुखत्ता
बिंदुखत्ता की बसासत में एक-एक नग को जोड़कर एक बृहद समूह के साथ नेतृत्व की क्षमता रखने वाले वरिष्ठ कांग्रेसी और नैनीताल दुग्ध उत्पादन सहकारी संघ लालकुआं के पूर्व चेयरमैन ज्ञान सिंह गुसाईं का आज निधन हो गया वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे उनके निधन से पूरे बिंदुखत्ता क्षेत्र सहित दुग्ध उत्पादकों से लेकर इस व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों में शोक व्याप्त हो गया।

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हमेशा सादगी का जीवन व्यतीत कर बिंदुखत्ता की बसासत के साथ बिंदु खत्ता भूमिहीन संगठन एवं विकास समिति संघर्ष का झंडा एवं हमेशा बिंदुखत्ता राजस्व ग्राम बनाओ, को लेकर हमेशा हाथ में तख्ती लेकर सामूहिक नेतृत्व में आगे रहने वाले ज्ञान सिंह गोसाई हमेशा लोगों के दिल में रजते बसते रहेंगे, बिंदुखत्ता राजस्व ग्राम के इस संघर्ष को आंदोलन का रूप देकर धरना प्रदर्शन,घेराव यहां तक अनशन तक करने वाले ज्ञान सिंह गुसाई का बिंदुखत्ता के विकास मे अहम योगदान रहा है बिंदुखत्ता के राजस्व ग्राम की मांग जहां उन्होंने लखनऊ विधानसभा तक में मुख्यमंत्री स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी के समक्ष उठाई वे लगातार स्वर्गीय तिवारी से बिंदुखात्ता की मांग को लेकर यहां के ग्रामीणों की चिंताओं से भी उन्हें अवगत कराते रहें साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से भी राजस्व ग्राम बनाने के संदर्भ में भी मिले वह उत्तराखंड राज्य बनने के बाद भी लगातार देहरादून में भी यही मांग उठाते रहे, उनके साथी धरम सिंह जी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर बिंदुखत्ता राजस्व ग्राम के संघर्ष मैं भी हमेशा आगे रहे आज गुसाई के निधन पर पूरे बिंदुखत्ता क्षेत्र में शोक की लहर है ।, उनकी शव यात्रा आज सुबह 8:30 बजे उनके आवास इंदिरा नगर-2 बिंदुखत्ता से चित्रशिला घाट को रवाना होगी।

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